Hindi love poem : शब्दों मे कहाँ समाती है तेरी याद - Ranjan Kumar - Ranjan Kumar Dil ❤ Se - Poetry and Works of Ranjan Kumar

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Tuesday, April 16, 2019

Hindi love poem : शब्दों मे कहाँ समाती है तेरी याद - Ranjan Kumar


teri yaad love memories


शब्दों मे कहाँ समाती है तेरी याद ?
मैं एक झरोखे मे निहारता हूँ ,
तू दूसरी खिड़की में खिलखिलाती है !

इस शहर के हर कोने मे बिखरा है ...
तुम्हारा अक्स , 

वेदना से थरथराते लबों की 
वो तुम्हारी दास्तान
फिर रुबरू हुई इस नदी की कल कल मे !!

हाँ सच है यह..

नहीं पहुंची थी मुझतक कोई आवाज ,
मेरे कान भी बंद थे औरों की तरह !!

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