नहीं रहे चारा घोटाले के जनक जगन्नाथ मिश्र : ॐ शांति - Ranjan Kumar - Ranjan Kumar Dil ❤ Se - Poetry and Works of Ranjan Kumar

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Monday, August 19, 2019

नहीं रहे चारा घोटाले के जनक जगन्नाथ मिश्र : ॐ शांति - Ranjan Kumar


Jagganath Mishra

कॉलेज टाइम तक जगन्नाथ मिश्रा को बड़े इज्जत की नजर से देखता था मैं,बिहार गौरव के रूप में,तीन बार मुख्यमंत्री रहे बिहार के और जब तीसरी क्लास में थे तब आज भी याद आता है,हमारे प्रधानाचार्य महोदय स्कूल प्रेयर टाइम में पूछते थे सबसे बिहार के मुख्यमंत्री का नाम और जो नही बताता उसे डंडे पड़ते ! 

वह वक्त था जब जगन्नाथ मिश्रा का नाम याद कर रखा था मैंने जीके में हमेशा फर्स्ट बने रहने के लिए भी और प्रधानाचार्य महोदय की पिटाई से बच शाबाशी पाने के लिए भी !

कुछ लोग मृत लोगों के कारनामे नहीं याद करना चाहते सिर्फ उनकी स्तुति करना पसंद करते हैं और ऐसे लोग यह दलील भी देते हैं की जानेवाला तो गया अब उसकी बुराई न करें ! ऐसे दलील अक्सर वही देते हैं जो खुद को भी अपने अंदर से दिल का काला पाते हैं,खुद को तो जानते ही हैं आखिर ..! अगर कोई भी पाठक इस लेख को पढनेवाला इसी  कैटेगरी से है तो आप आगे न पढ़े यहीं से लौट जाएं वापस !

मै अच्छाई या बुराई जो भी किया कर्म है उसका उसे बताने में नहीं हिचकता,खरी खरी बिना कोई लाग लपेट कहना अपनी आदत में है चोर को चोर नहीं तो क्या कहेंगे ? मर गया तो क्या हुआ था तो चोर न ..? इसे स्वीकार करते हैं तभी मुझे पढ़िए आगे ..!

चारा घोटाले से दूसरा ही चेहरा दिखा फिर इनका,एक महा घोटालेबाज नेता ..डीएनए कोंग्रेसी था इनका आखिर और कोई कोंग्रेसी नेता बिना भ्रष्टाचार के आरोप या सजा के दुनिया से विदा ले तो समझियेगा कि असली कोंग्रेसी वह कभी बन ही नही पाया फिर ..कोंग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्याय हैं ! 


Jagganatn Mishra 2


पांच साल के सजायाफ्ता मुजरिम थे जगन्नाथ  मिश्र चारा घोटाले में ..ईश्वर ने अपनी माया का आवरण हटा लिया और आज उनका निधन हो गया ! कई अच्छे काम भी किए उन्होंने जिसपर चारा घोटाले का कारनामा कालिख पोत गया आखिर..कर्म ही दुनिया मे शेष रह जाता है वजूद खत्म हो जाता है सबका !

श्रद्धांजलि और शत शत नमन तो लिखने की इच्छा नही दिल से,दिल से निकल ही नहीं रहा इसलिए सिर्फ ॐ शांति कहना ही पसन्द करूँगा,एक अच्छे  नेता होकर भी बाद में भ्रष्टाचार में मुंह काला कर अपना आज ये  इस धरती से गए .ॐ शांति ॐ शांति..!


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