इस तरह से आप पाएंगे मन का असीम सुकून - Ranjan Kumar - Ranjan Kumar Dil ❤ Se - Poetry and Works of Ranjan Kumar

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Monday, April 01, 2019

इस तरह से आप पाएंगे मन का असीम सुकून - Ranjan Kumar


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कल के दिन की समाप्ति के साथ ही इस वर्ष के कैलेंडर का एक और पन्ना वक़्त की गर्त में दब गया..एक और महीना समाप्त..! क्या खास किया इसका कभी हिसाब करके देखिये, एक बड़ा सा शून्य..सामने होगा..! 

सोचा बहुत कुछ होगा परन्तु कार्य रूप में परिणित करने की जब बारी आयी, सब पीछे छूट गया.!  कुछ लोगो ने तो कुछ योजना भी नहीं बनाई होगी..बस ऐसे ही..जिन्दगी का एक महीना गुजार लिया .!

सच ये है कि हम बेशकीमती वक़्त को बर्बाद करते हैं..और हमेशा..वक़्त न होने का रोना रोते हैं...इस महीने कुछ नया और रचनात्मक करने की योजना बनाइये......और फिर.....अपने कर्मो का हिसाब करके देखिएगा...३० को....कितना हो पाया.....और क्या पीछे रह गया.....!

किसी रोते हुए बच्चे को हँसी प्रदान करके देखिये.....किसी बुजुर्ग असहाय का सहारा बन कर देखिये...किसी भूखे ब्यक्ति को खाना खिलाकर देखिये....छोटी छोटी बाते...जिन्हें हम अपनी आदतों में सहज ही ढाल सकते हैं..बहुत आत्मसंतोष देगा.!

इस तरह से आप पाएंगे मन का असीम सुकून और दुनिया ....हमें बदलती दिखेगी......बिलकुल अपने पास.!

और जिसके लिए कुछ खास नहीं करना है...बस...केवल नजरिया बदलने की जरुरत है....और हमारा नजरिया....सिर्फ....लिखने और पढने तक ही सीमित नहीं रहे, सचमुच कार्य रूप में भी दिखना चाहिए...आइये मिलकर कुछ सार्थक करें समाज की तस्वीर को बदलने का एक प्रयास करें..

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