बाबा नीब करोरी जी महाराज - एक अद्भुत अलौकिक व्यक्तित्व वाले विरले संत - Ranjan Kumar Dil ❤ Se - Poetry and Works of Ranjan Kumar

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Tuesday, March 05, 2019

बाबा नीब करोरी जी महाराज - एक अद्भुत अलौकिक व्यक्तित्व वाले विरले संत

बाबा नीब करौरी जी की अलौकिक वाणी और कहानिओं को इस ब्लॉग पर अपने पाठकों के बीच मै रख रहा हूँ जिससे आज की पीढ़ी भी बाबा के जीवन को समझकर भारत भूमि पर पैदा हुए ऐसे दिव्य आत्माओं की लीलाओं को जान और समझ सके ! 

baba neeb karauri jee 1


आज भी बाबा के अनेक चमत्कारों और अनुभवों का  मेरा व्यक्तिगत जीवन गवाह है जबकि मेरा जन्म ही बाबा की महासमाधि के बाद हुआ ! आगे मै खुद से जुड़े अनुभव भी साझा करूंगा इस ब्लॉग पर , बाबा की अनुमति लेकर ! अभी इतनी अनुमति बाबा से ही ली है कि उनके जीवन पर उपलब्ध उनके अलौकिक किस्सों को जो किताब के रूप में उपलब्ध है अपने ब्लॉग पाठकों तक पहुंचाऊं ! धन्य है ये भारत भूमि जहां ऐसी दिव्य विभूतियाँ धरती पर आती रही हैं !

श्री रवि प्रकाश पांडे जी जो राजीदा के नाम से बाबा के बड़े स्नेह पात्र थे उन की कलम से निकले बाबा के लिए उदगार नीचे उद्धृत कर रहा हूँ उन्हीं के शब्दों में जो अलौकिक यथार्थ नामक पुस्तक में छपी थी ! लेखक से सम्पर्क कर अनुमति लेने की कोशिश हमने की मगर लेखक का कोई सूत्र प्राप्त नहीं हुआ न ही आश्रम से उनके वर्तमान ठिकाने का पता ही मिला ! 

बाबा नीब करौरी जी ने खुद जब अन्तः में प्ररेणा दे इजाजत दे दी तो अब किसकी इजाजत खोज रहा हूँ ..? अतः आगे से बाबा की अलौकिक कहानियाँ इस ब्लॉग पर हर मंगल और शनिवार को जरुर पोस्ट करूंगा ..बाबा के आज भी जो भक्त हैं जिनके जीवन में आज भी बाबा मेरे जीवन में जैसे किया है वह चमत्कार करते रहते है वो अपने अनुभव जरुर मुझतक पहुंचाएं ..आगे वह सब अनुभव मेरी किताब का हिस्सा होंगे !

महाराज में दृढ इच्छा शक्ति थी और प्रकृति पर उनका पूर्ण नियंत्रण था ! इन कारणों से वे सर्वशक्तिमान थे ! वे जो चाहते, वो होकर रहता ! कुछ भी उनके लिए असंभव न था ! जीव और जड़ सदा उनकी क्रीडा की सामग्री बने रहे ! प्रकृति पर नियंत्रण होने से पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, और आकाश तत्व उनकी इच्छा का अनुसरण करते !

वे स्वयं पृथ्वी के गुण और दोष से अप्रभावित रहे! वस्तु का उपदान , उसमे वृद्धि, उसका रूपांतरण किये बिना उसके स्वरुप में परिवर्तन कर देना उनकी इच्छा के अधीन था ! यह उनकी इच्छा शक्ति का हीं खेल था कि वे अपने को किसी भी रूप में दर्शा सकते थे !

baba neeb karauri jee 2

प्रत्यक्ष में भी वे अपने को और अपने साथ के लोगों को जन-दृश्य  से ओझल कर सकते और विभिन्न स्थानों में एक ही समय में उपस्थित हो.. कार्य कर सकते थे !

उनके कल्पनातीत कार्यों से बुद्धि चकित रह जाती थी ! वे संतान-हीनों को अपनी इच्छामात्र से संतति सुख प्रदान करते और मृत में प्राणों का संचार भी कर देते थें ! उनके कार्य वैज्ञानिकों के लिए चमत्कार और चिकित्सा शास्त्रियों के लिए आश्चर्य है ! वे अपनी प्रेरणा शक्ति से जिसे जैसा चाहते, नचाते और व्यक्तियों के स्वभावों में मौलिक परिवर्तन, जो एक दुष्कर कार्य है, अनायास ले आते ! 

"असि सब भांति अलौकिक करनी, महिसा जासु जाई नहीं बरनी !"

2 comments:

  1. A VERY GOOD INITIATIVE . KEEP IT UP JAI NEEM KARORI BABA .

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    1. धन्यवाद अपुर्बा जी .यही कोशिश है कि नई पीढी इस विरासत को समझ सके और बाबा से जुड़ सके उनके बारे में जान सके

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