कुंती रही होगी माँ पर कर्ण की माँ वह कब थी ? - Ranjan Kumar Dil ❤ Se - Poetry and Works of Ranjan Kumar

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Thursday, December 20, 2018

कुंती रही होगी माँ पर कर्ण की माँ वह कब थी ?

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कुंती रही होगी माँ
पर कर्ण की माँ वह कब थी ?
और सूरज ने कब निभाया 
... है पिता ?

भोगना है कर्ण को प्रारब्ध ,
जो न उसने है किया 
जो न उसकी है खता ?

यह आज का दस्तूर है ,
और यह तुझे मंजूर है ...
तो लो समेटो दिख रहा , 
आँखों में मेरे जो तेरा नूर है !

फैसला तेरा ऐसा ऐ खुदा 
मुझको नहीं मंजूर है !!

- रंजन कुमार

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