हौसलों को भी नींद आती है अब - Ranjan Kumar Dil ❤ Se - Poetry and Works of Ranjan Kumar

Breaking

Friday, December 28, 2018

हौसलों को भी नींद आती है अब

Person-staring-at-night-sky

उसने कहा था ये 
सजग रह 
हर सन्नाटे को 
जख्मी करना !


जो सन्नाटा पसरा है 
उसके चले जाने भर से
इसे जख्मी करने में
हौसलों को भी
नींद आती है अब !

सोचता हूँ लम्हा लम्हा
सफ़र में सो गया
हौसला ही जो मेरा
तो अब कौन
थपकियाँ दे जगायेगा...!!


- रंजन कुमार 

No comments:

Post a Comment