बिछड़ के उससे हमने सोचा कुछ त्याग करूँ
मोहब्बत भरे जज्बातों से जुदाई में उसके
घायल हूँ इसका कुछ न कुछ तो इजहार करूँ !
उसे पत्ता गोभी नही भाती थी,मैं खूब चबाता था
देख ले तो उल्टियाँ आती थी इसके पकौड़े से उसे
पर मैं बकरी की तरह इसे कच्चा भी चबाता था
पकौड़े मिल जाएं इसके तो फूला न समाता था ..!
दिलरुबा रूठी रूठी और जज्बात बहके बहके
सोचा त्याग करूँ तो आलम दिल का सुकून से महके..
तो बहनो और भाइयों मैने यह त्याग किया
सबसे फेवरेट थे पत्तागोभी के पकौड़े
इसे उसकी यादों पर वार दिया
घायल हूँ इसका कुछ न कुछ तो इजहार करूँ !
उसे पत्ता गोभी नही भाती थी,मैं खूब चबाता था
देख ले तो उल्टियाँ आती थी इसके पकौड़े से उसे
पर मैं बकरी की तरह इसे कच्चा भी चबाता था
पकौड़े मिल जाएं इसके तो फूला न समाता था ..!
दिलरुबा रूठी रूठी और जज्बात बहके बहके
सोचा त्याग करूँ तो आलम दिल का सुकून से महके..
तो बहनो और भाइयों मैने यह त्याग किया
सबसे फेवरेट थे पत्तागोभी के पकौड़े
इसे उसकी यादों पर वार दिया
कसम खा ली उसकी पत्ता गोभी वह नही
खाती तो मैं भी नही खाता अब
मोमोज भी नही स्प्रिंग रोल भी नही ..
लैला के लिए मजनूं ने भी नही किया ऐसा त्याग,
रोमियो भी नही करता जूलियट पर अपना
मोमोज और स्प्रिंग रोल का टेस्ट बर्बाद,
ये मैने कर दिया कर दिया प्रिय सिर्फ
तेरी मोहब्बत मे ..
फिर जो कभी तुम आयी भी अगर मेरी सोहबत में,
वादा है तब भी नही मोमोज या स्प्रिंग रोल कभी खाऊंगा
मैकडोनाल्ड में बिठा के अपने हाथों से तुम्हें
सिर्फ मोमोज वाली चटनी चटाऊंगा,
तुम्हारी आँखों की झील में फिर डूब डूब जाऊंगा
कितनी मोहब्बत है तुमसे यह प्रियतमा तुम्हे तब बताऊंगा
स्वाद शेयरिंग का तेरे थैंकु कह कह सारा हिसाब चुकाऊंगा
लव यू लव यू का जानेमन नग्मा सुनाऊंगा ,
फिर से कसम है जानेमन पत्ता गोभी कभी नही खाऊंगा !!
- रंजन कुमार
===================
Stream the Clip in Narrator's Voice :
====================
====================
No comments:
Post a Comment